गणेश कोशले छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिला ग्राम कोशमंदा से एक गरीब परिवार से है,
जो अनुसूचित जाति सतनामी से आते है,
जिन्होंने गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में पीएचडी के लिए अप्लाई किया था,
जिसमे अनुसूचित जाति के लिए 2 पीएचडी विद्यार्थी आरक्षित है,
गणेश कोशले ने इतिहास विभाग में पीएचडी में अप्लाई किया था उसमे केवल अनुसूचित जाति के 2 स्टूडेंट ने अप्लाई किया था,
यूनिवर्सिटी के द्वारा 1 स्टूडेंट को लिया गया और गणेश कोशले को नहीं लिया गया,
गणेश कोशले ने बताया की, यूनिवर्सिटी के द्वारा साक्षत्कार लिया गया,
उसके बाद किसी प्रकार का कोई वोटिंग लिस्ट जारी नहीं किया गया |
और यूनिवर्सिटी के द्वारा घुमाते हुए यह कहाँ गया, आप नोट फॉर सूटेबल हो अर्थात आप पढ़ने लायक नहीं हो,
गणेश ने हार नहीं माना और चयन की पूरी प्रोसेस जानकारी जुटाना शुरू की, फिर क्या था यूनिवर्सिटी की पोल खुलने लगी |
चयन समिति में 1 अनुसूचित जाति के व्यक्ति का होना अनिवार्य है, लेकिन गणेश कोशले के साथ ऐसा बिलकुल नहीं हुआ |
पूरा चयन समिति ब्राम्हणों से भरा हुआ था |
फिर क्या था, गणेश कोशले ने और जानकारी एकत्र की और यूनिवर्सिटी से जवाब माँगा, लेकिन किसी प्रकार का कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया |
इसके खिलाफ गणेश ने जंग झेड दिया, उच्च यूनिवर्सिटी को, मुख्यमंत्री, कलेक्टर, थाने में, वह सभी को पत्र लिखे, और धरना प्रदर्शन, बहुत आन्दोलन किये |
अंतिम में 6 जून को विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन का ऐलान किया , जिसमे छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से सभी समाज के लोग आये, धरना प्रदर्शन में सतनामी समाज से हजारो लोग आये, और जंगी धरना प्रदर्शन हुआ |
विशाल धरना प्रदर्शन की बात सुनते ही 3 जून को यूनिवर्सिटी द्वारा गणेश कोशले को Admission देने का ऐलान लिखित में यूनिवर्सिटी द्वारा लागू कर दिया |
बाद में धरना प्रदर्शन के दिन 6 जून को जंगी धरना से डरते हुए 6 जून को Admission ले लिया गया |
इस मामले में बहुत कहानी है, और बहुत पेचीदा है, तभी तो ये यूनिवर्सिटी वाले बड़े-बड़े सरकार को घुमा देते है |
एडमिशन होने के बाद गणेश ने सभी को अपना आभार व्यक्त किया, और अपनी ख़ुशी जाहिर की |
आज की सफलता का श्रेय, आप सभी लोगों को जाता है। आप सब की मेहनत संघर्ष सहयोग और लगातार मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है ,जिसके बदोलत गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर (छत्तीसगढ़ )में इतिहास विभाग में दिनांक- 6 /6/ 2019 को पीएचडी डी में मेरा प्रवेश हो पाया है ।
इस संघर्ष में लगातार साथ रहे,सभी साथियों समाज के सभी सामाजिक संगठनो , राजनैतिक, धार्मिक, पत्रकार बन्धु , जो लोग घर से ही लगातार सोशल मीडिया में सहयोग दे रहे , प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी साथियों का सादर धन्यवाद ज्ञापित करता हूं । ऐसे ही सहयोग व मार्गदर्शन की अपेक्षा के साथ आप सभी को पुनः बहुत-बहुत धन्यवाद,साधुवाद।
“ऐसा वक्त आ सकता है,
जब हम अन्याय रोकने में असमर्थ हो,लेकिन ऐसा वक्त कभी नहीं आना चाहिए कि हम अन्याय के खिलाफ,अत्याचार के खिलाफ विरोध ना कर सके”
-बाबा साहब अंबेडकर
जय भीम!जय सतनाम !हुल जोहार!जय सेवा !नमो बुद्धाय! जय संविधान!जय मूलनिवासी!
आपका साथी
गणेश कोशले
PHD स्कॉलर
GGV Bilaspur
Leave a Reply