अगर आप संगीत सीखना चाहते हैं तो आपको क्या करना चाहिए
व्यक्त नहीं कर पता तो अंततः वह नाचने लगता है | कहने का अर्थ यह है की भले ही व्यक्ति को संगीत की जानकारी न हो परन्तु वह उसको बखूबी समझता है और जमकर
आनंद लेता है | यहीं से उसके सिखने की संभावना बनने लगती है, यह ठीक वैसा ही है जैसे एक बीज मे वृक्ष की सम्भावना | जो की अच्छी खाद और उपजाऊ भूमि को पाकर
फलदार वृक्ष का रूप लेता है | अतः सिखने वालों के लिए प्लेटफोर्म की कमी नहीं है बस उसकी प्रवित्ति सिखने की होनी चाहिए |
संगीत सिखने के रास्ते अथवा माध्यम
आजकल अधिकांश जानकारी हमको इंटरनेट के माध्यम से ही उपलब्ध हो जाता है | नेट में सर्च करके हम क्रमशः उसकी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | पहले
सरगम का अभ्यास किया जाय तत्पश्चात उसके आरोह एवं अवरोह एवं अलंकारों का अध्ययन किया जाय | इसी प्रकार क्रमशः एक एक सोपानो का अनुशरण करके आप संगीत
की आधी जानकारी यूँ ही प्राप्त कर सकते हैं | लेकिन इसके लिए आपके पास एक हारमोनियम होना चाहिए जिसके माध्यम से आप रियाज कर पायें | आप सुबह और शाम
केवल दो दो घंटे ही समय निकल सकते है और इस कला में निखर ला सकते है | ध्यान रहे अभ्यास को ही सबसे बड़ा गुरु कहा गया है, करत करत अभ्यास के जड़ मति होत
सुजान ऐसी उक्ति भी है| कई महारथी अभ्यास के बिना अपनी विद्वता को भी त्याग बैठते हैं | अतः इस प्रकार आप इंटरनेट के द्वारा अधिकांश जानकारी स्वतः ही प्राप्त कर
सकते हैं |
वर्तमान में सिखने का सबसे बड़ा प्लेटफोर्म यूट्यूब हैं जिसके माध्यम से आप सगीत तो क्या संसार की हर कला को घर बैठे ही सिख सकते हैं | संगीत सिखने के लीये
आप सबसे पहले कीसी एक अच्छे चैनल को सब्स्क्राइब कर लिजियें जिसमे अच्छे गुरुओं के द्वारा सिखया जाता है फिर आप उसके हर एपिसोड को ध्यानपूर्वक देखियें एवं
उनका अनुशरण करते जाइए | शुरुआत में ये आपको कठिन लग सकता है लेकिन जब उनकी बातें आपकी पकड़ में आती जायेंगी तो आपको धीरे धीरे अच्छा लगने लगेगा |
यदि आपको कहीं पर कोई दिककत होती है तो आप कमेन्ट बाक्स में लिखकर भी उसको बता सकते हैं जिसका उत्तर आपको दिया जाएगा जिससे आपकी समस्या हल हो
जायेगी | आप कान्टेक्ट नंबर के द्वारा सीधा उनसे बात भी कर सकते हैं और परामर्श भी ले सकते हैं |
इसके अलावा अगर आपके आसपास कोई संगीत विद्यालय है तो आप वहां भी भर्ती होकर नियमित रूप से सिख सकते हैं यदि ऐसा विद्यालय आपके आसपास
उपलब्ध है तब यह और भी अच्छी बात है क्योकि यहाँ पर आपको गुरुओं के समक्ष बैठकर शिक्षा मिलेगी | और अगर आप संगीत की आधी जानकारी ऐसे ही जानते हैं तब तो
यह और भी ख़ुशी की बात है | कई लोग ऐसे भी होते है संगीत में जिनको विशेष रूचि होती है और ये बिना गुरु के ही काफी कुछ सिख गए होते हैं, और ये गाना तो ये बड़े
आसानी से गा लेते है जबकि उनको कोई सिक्षा प्राप्त नही हुई होती है | दरअसल यह गुण उनकी आतंरिक दृष्टि और पकड़ के कारण होती है ये सुर के उतार चढ़ाव को बखूबी
समझते हैं, इसी लिए सही सुर में ये गा लेते हैं | ऐसे लीगों को ज्यादा अभ्यास करने की आवश्यकता नही होती इनके लिए सबकुछ आसन होता है |
अतःप्रत्येक व्यक्ति जो संगीत जानता हो या न जानता हो इन उपरोक्त माध्यमों से नियमित अभ्यास करके संगीत को भलीभांति सिख सकता है |
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