बात सीधी सी है, अगर कोई भी समाज के लिए कुछ करना चाहता है तो उसे सामाजिक चीजो को सीखने की जानने की ज्ञान प्राप्त करने की जरुरत है,
व्यक्ति को सबसे पहले अपने आप के बारे में जानना चाहिए,
उसके बाद परिवार के बारे में, फिर मोहल्ले के बारे में, और गाँव के बारे में और शहर के बारे में,
व्यक्ति को समाज की हर प्रकार की संस्कृति के बारे में जाननें की जरुरत है,
जैसे खान पान, रहन सहन, जीवन, विवाह क्या है, कर्म संस्कार, मंगनी, मृत्यु, छट्टी संस्कार, नाम करन संस्कार, रिवाजो के बारे,
समाज को जानने के लिए इतिहास को जानने की जरुरत है,
आपको हर प्रशन का उत्तर इतिहास में ही मिलेगा,
काल के तीन प्रकार होते है,
वर्तमान, भूतकाल, और भविष्य,
जो बीत गया है उसका परिणाम वर्तमान में हो रहा है, और वर्तमान और भुत में जो हुआ है वह भविष्य में दिखाई देगा,
जैसे आज समाज में बहुत जायदा ग़रीबी है, उसका कारन अगर जानना है तो इतिहास में ही मिलेगा,
समाज का उद्धार करने के लिए अगर सबसे जायदा किसी को जानने की जरुरत है तो वह है, स्वंम व्यक्ति की उत्पति अपनी नहीं दुनिया के उस सबसे पहले मानव को जानने की, और धर्म को जानने की, जाति को जानने की, समुदाय को जानने की, गोत्र, उपनाम को जानने की,
समाज का अगर उद्धार करना है तो आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, वैज्ञानिक सभी प्रकार की पढाई करने की जरुरत है |
देखो समाज की आज क्या विपति आ गई है,
सभी ओर छुआ छूत व्याप्त होते जा रहा है,
कोई किसी दुसरे धर्मं में जाति में वर्ण में शादी नहीं कर रहा है, अगर इस नियम को आप नहीं बदलेंगे तो कौन बदलेगा,
गरीब और गरीब होते जा रहा है, मरने के बाद भी लोग सिर मुड़ाना नहीं भूलते है,
गरीब होने के लिए शादी में, छट्टी में, संस्कारो को बहाना काफी है,
ब्राम्हण आज मंदिरों के नाम पर सभी को लुट रहे है,
समय आ गया है अपने आस पास देखो, अपने दोस्तों के साथ अपनों के साथ चर्चा करो अपने छेत्र में क्या बुराई है |
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