एक अच्छे लेखक में कौन-कौन से गुण होने चाहिए, तथा लेख लिखते समय क्या ध्यान रखे, जिसे इस लेख में 20 पॉइंट के द्वारा बताने का प्रयास किया गया है, जारी…

Good writing qualities Good Writer
- जिस भी भाषा में लेख लिखे, उस भाषा में अच्छी पकड़ हो |
- लेखनी में सबसे जायदा जरुरी विराम चिन्ह का प्रयोग सही जगह पर हो तो सही रहता है, नहीं तो इसके विपरीत पढ़ने में गलत, और अवगुण नजर आते है |
- जिस भी विषय में लेख लिखे, उस विषय पर विचार, विमर्श और कल्पना शक्ति अत्यधिक करनी चाहिए |
- सम्भावना को ध्यान में रखकर लेख लिखे |
- लोगों की भावना और रूचि को ध्यान में रखकर लेख लिखे |
- किसी भी विषय पर लिखते समय उस पर ध्यान केन्द्रित हो, उस वक्त तक लिखते रहे, जब तक लिखने का मन बना रहे |
- जिस विषय पर लेख लिख रहे है, उस विषय पर आपकी अच्छी जानकारी हो, तभी आप उसे बेहतर तरीके से लिख पायेंगे |
- शब्दों के माध्यम से अपनी भावना को लेख में प्रस्तुत करते रहे |
- अपनी बात को बड़ी ही मजबूती और उत्साह के साथ लिखे, डर कर लिखेंगे तो पढ़ने वाले में आलस पन आएगा, और वह पढ़ नहीं पायेगा |
- अगर आप जायज लिख रखे है, आप के लेखनी में दम है, तो यह न सोचे यह वह पढ़ने के बाद क्या सोचेगा |
- जिस विषय पर आप लेखनी करेंगे, वह आपकी भावना और होबी, विचार से जुड़ा हो तो सबसे बेहतर है, नहीं हो, लेख के भाव दब जाते है |
- लिखते समय बड़ी सावधानी रखे, जल्दी बाजी न करें, जल्दी लिखने से नया शब्द, विचार, भाव, छूट जाते है, जो लेख को और पीछे छोड़ देते है |
- लिखने के बाद एक दो बात अवश्य पढ़ना चाहिए, कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं |
- इसका ध्यान बिलकुल न रखे, लेख के कितने पैसे मिलेंगे, कितने लोग पसंद करेंगे |
- अपनी गलती को नजर अंदाज न करें, लेखनी में सुधार के लिए, लगातार लिखते रहे, और गलतिओं को सुधार करते रहे |
- अगर लेख प्रकाशित होने के बाद लोग, पसंद नहीं कर रहे है, तो लोगों को दोष नहीं, यह जानने का प्रयास करें, क्यों पसंद नहीं किया जा रहा, फीडबैक ले |
- अगर आप सर्च करके, पुस्तक पढ़कर नया लिख रहे है, तो बहुत जायदा पढाई करें, और थोड़ा लिखाई करें |
- जितना जायदा हो सके श्रोता बनने के, लोगो की बात को सुनने की, समझने की, आदत डाले, जितना सुनेगे, उतना ही अच्छा लेखन कर पायेंगे |
- जिस भी विषय पर लेख लिख रहे है, उस पर जानकारी, और अन्य सूचना रखना, उस पर जानना आवश्यक है |
- और अंतिम में पठन करना, चिंतन करना, मनन करना, दर्शन करना और लेखन करना चाहिए |
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