यह तीसरा पार्ट है अगर आप शुरु से CGPSC के बारे में जानना चाहते है तो नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से पड सकते है|
CGPSC छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (राज्य सेवा भर्ती परीक्षा ) में भाग कैसे ले सकते है
मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र पहले के नियम जैसे परंपरागत प्रकार के वर्णनात्मक लघु /मध्यम / दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होते है |
लिखित परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र परीक्षा योजना इस अनुसार से है –
कुल मिलाकर सात प्रकार के प्रश्न पत्र होते है
अंक –
सभी प्रश्न पत्र अधिकतम अंक 200 होते है,
समय –
सभी प्रश्न पत्र की समय सीमा 3 घंठा होते है,
विषय –
प्रथम प्रश्न पत्र –
विषय – भाषा (सामान्य हिन्दी / संस्कृत / अंग्रेजी / छत्तीसगढ़ी )
द्रितीय प्रश्न पत्र –
विषय – निबंध ( 1. राष्टीय स्तर की समस्याए, 2. छ.ग. राज्य की समस्याए )
तृतीय प्रश्न पत्र –
विषय – इतिहास, संविधान एवं लोक प्रशासन,
चतुर्थ प्रश्न पत्र –
विषय – विज्ञान, प्रौधोगिकी एवं पर्यावरण,
पंचम प्रश्न पत्र –
विषय – अर्थव्यवस्था एवं भूगोल
षष्ठम प्रश्न पत्र –
विषय – गणित एवं तार्किक योग्यता
सप्तम प्रश्न पत्र –
विषय – दर्शन एवं समाजशास्त्र,
कुल मिलाकर टोटल 1400 अंक होते है, मुख्य परीक्षा में,
टीप :– मुख्य परीक्षा के लिए भी, प्रारम्भिक परीक्षा की तरह न्यूनतम अर्हक अंक आवेदकों को प्राप्त करना होता है |
साक्षात्कार –
मुख्य परीक्षा में पेपर दिलाये गए सभी व्यक्ति का उच्च से निम्न अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी की वरीयता सूचि तैयार की जाती है, उसके बाद प्रत्येक पद के विरुद्ध 3 आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है,
साक्षात्कार अधिक अंक 150 अंक का होता है,
साक्षात्कार में पास होने के लिए अंक अधिक से अधिक प्राप्त करने के कोई नियम नहीं है,
साक्षात्कार में व्यक्ति के गुणों और काबिलियत को देखा समझा परखा जाना जाता है, और यह साक्षात्कार व्यक्ति के क्षमता को दर्शाता है,
साक्षात्कार में इस बात का ध्यान दे,
जो प्रशन पूछा जाए, उसका उत्तर अगर मालूम हो तो देवे, अन्यथा यह कहे मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं, जिस प्रश्न का उत्तर मालूम नहीं उसका गलत उत्तर न दे, झूट ना बोले,
द्रितीय श्रेणी के पदों में छत्तीसगढ़ी बोली का ज्ञान रखने वाले आवेदकों को विशेष अंक प्रदान किये जाने का प्रावधान है |
चयन प्रक्रिया –
मुख्य परीक्षा एवं साक्षत्कार में प्राप्त कुल अंको के आधार पर अभ्यर्थी द्वारा अग्रमान्यता पत्रक में दिए अधिमान के क्रम अनुसार पद आबंटित किये जाते है, अग्रमान्यता पत्रक में जिन पदों के लिए अभ्यर्थी द्वारा अधिमान नहीं दिया जाता है, उन पदों के लिए उसके नाम पर विचार नहीं किया जाता है |
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